महाकुंभ 2025 की सुरक्षा तैयारियों के बीच एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है। एक संदिग्ध आतंकी महाकुंभ के एंट्री-पॉइंट के पास गुफा बनाकर रह रहा था और हर दिन हमले की फिराक में हैंडग्रेनेड लेकर निकलता था, लेकिन कड़ी सुरक्षा के चलते वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका।
कैसे हुआ खुलासा?
खुफिया एजेंसियों को महाकुंभ क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। जब पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके की तलाशी ली, तो उन्हें एक गुफा में छिपा हुआ संदिग्ध मिला। छानबीन के दौरान उसके पास से कई हैंडग्रेनेड और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।
गुफा में कैसे रह रहा था आतंकी?
- आतंकी ने अपने ठिकाने के रूप में एक गुफा को चुना था ताकि सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचा रह सके।
- उसने वहां खाने-पीने और हथियारों का पूरा इंतजाम कर रखा था।
- वह दिन में गुफा में छिपा रहता और रात को बाहर निकलकर हमले की योजना बनाता।
हाई सिक्योरिटी बनी बाधा
महाकुंभ में सुरक्षा के लिए कई स्तरों की जांच की जा रही थी, जिससे आतंकी कोई भी हमला करने में नाकाम रहा।
- CCTV निगरानी – हर एंट्री पॉइंट पर हाई-टेक कैमरे लगे हुए थे।
- खुफिया एजेंसियों की सक्रियता – संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी।
- कड़ी तलाशी व्यवस्था – हर व्यक्ति की गहन जांच की जा रही थी, जिससे विस्फोटक अंदर ले जाना मुश्किल हो गया।
कौन था यह आतंकी?
अभी तक पकड़े गए संदिग्ध की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन शुरुआती जांच में वह किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि उसके और कितने साथी इस साजिश में शामिल थे।
क्या थी आतंकी की योजना?
- महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में दहशत फैलाना।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ब्लास्ट कर अधिकतम नुकसान पहुंचाना।
- धार्मिक सौहार्द बिगाड़कर अराजकता फैलाना।
निष्कर्ष
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और हाई सिक्योरिटी व्यवस्था की वजह से यह आतंकी साजिश विफल हो गई। महाकुंभ जैसे आयोजनों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा बलों की सतर्कता बेहद जरूरी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर वे किसी संदिग्ध गतिविधि को नोटिस करें, तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।