भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने परीक्षा में डमी उम्मीदवार बिठाने के आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और इस कुप्रथा पर कड़ी टिप्पणी की।
क्या है मामला?
- भर्ती परीक्षा में असली अभ्यर्थियों की जगह डमी उम्मीदवार को बैठाने का मामला सामने आया।
- इस घोटाले में कई मध्यस्थ और दलाल शामिल थे, जो पैसों के बदले यह काम कर रहे थे।
- पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन वे जमानत की अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
- कोर्ट ने कहा, “इस तरह की गतिविधियां देश की मेरिट-आधारित भर्ती प्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं।”
- “न्याय व्यवस्था ऐसे अपराधों को बढ़ावा नहीं दे सकती।”
- कोर्ट ने इस मामले को गंभीर अपराध करार देते हुए आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने की बात कही।
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक प्रणाली पर जोर दिया जा रहा है।
- पुलिस अब इस मामले में अधिक लोगों की संलिप्तता की जांच कर रही है।
डमी उम्मीदवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत
- कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी सजा दी जानी चाहिए, ताकि यह प्रवृत्ति खत्म हो सके।
- भविष्य में परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाने की जरूरत है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने का एक मजबूत संदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी और इस तरह की गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।