निकोला टेस्ला ने AC करंट का आविष्कार कियाएडीसन ने AC के खतरों को दिखाने के लिए जानवर मारेटेस्ला ने खुद पर AC का उपयोग करके सुरक्षा प्रदर्शित की
ये बिल्कुल सही बात है कि जब निकोला टेस्ला नाम के विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने एसी करंट यानि अल्टरनेटिंग करेंट का आविष्कार किया तो उसे रोकने के लिए कुछ ऐसा एडिसन जैसे दिग्गज साइंटिस्ट ने किया कि विश्वास नहीं होगा.
पूरी दुनिया में घरों से लेकर कारखानों, बाजारों और हर जगह जो बिजली पहुंचती है, वो एसी बिजली है यानि अल्टरनेटिंग करंट वाली बिजली. इसका आविष्कार निकोला टेस्ला नाम के साइंटिस्ट ने किया. उनका ये आविष्कार कारगर नहीं हो पाए इसके लिए उनके प्रतिद्वंद्वी वैज्ञानिक एडिसन घटिया स्तर पर उतर गए थे. उन्होंने इसका खतरा दिखाने के लिए कई गायें मार दी थीं.
क्या था ‘द वार ऑफ करंट्स’
इसे आज भी ‘द वार ऑफ करेंट्स” (The War of the Currents) के तौर पर जाना जाता है लेकिन इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं. करंट का युद्ध 19वीं सदी के अंत में आविष्कारक थॉमस एडिसन और निकोला टेस्ला के बीच एक ऐसा ऐतिहासिक झगड़ा था, जो बहुत घटिया स्तर पर उतर गया. इससे भी ये भी पता चलता है कि दो विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी आपस में कैसे लड़ सकते हैं.
AC बनाम DC की लड़ाई
दरअसल ये लड़ाई केवल आविष्कार की लड़ाई नहीं थी बल्कि इसके जरिए पैदा हुई बहुत बड़ी कारपोरेट लड़ाई भी थी. ये लड़ाई सार बिजली डिस्ट्रीब्यूशन के दो अलग तरह के आविष्कारों को कार्मशियल तौर पर आगे बढ़ाने की थी. एडिसन ने डायरेक्ट करंट (DC) का आविष्कार किया था और टेस्ला ने इसके मुलाबले अल्टरनेटिंग करंट (AC) का.
क्या थी डीसी करंट की कमी
अमेरिका में शुरुआत में एडिसन के DC सिस्टम के जरिए ही बिजली का डिस्ट्रीब्यूशन घर – घर तक शुरू किया गया. लेकिन ये करंट जब लंबी दूरी तक पहुंचाया जाता था तो इसका असर कम हो जाता था. तभी निकोला टेस्ला ने AC का आविष्कार किया. जब उन्होंने इसकी जोरशोर से मार्केटिंग शुरू की तो लोगों को ये पसंद आने लगी.
दो वैज्ञानिकों में ठन गई
हालत ये हो गई कि दुनिया के इन दो बड़े वैज्ञानिकों ने एक दूसरे के दुश्मनी सरीखे जनसंपर्क अभियानों, पेटेंट लड़ाइयों और मार्केटिंग फंडों का सहारा लेना शुरू कर दिया. क्योंकि इस लड़ाई से तय होने वाला था कि भविष्य में दुनिया की बिजली कौन सी होगी. किस करंट के जरिए दुनियाभर में लोगों के घरों से लेकर अन्य जगहों पर बिजली पहुंचेगी.
दोनों साइंटिस्ट अपने समय के दिग्गज थे
एडीसन और टेस्ला दोनों अपने समय के गजब के साइंटिस्ट और आविष्कारक थे. थॉमस एडिसन को “मेनलो पार्क के जादूगर” के नाम से जाना जाता था. उनके पास आविष्कारों के लिए 1,093 पेटेंट थे. उन्होंने फोनोग्राफ, मोशन पिक्चर कैमरा और इलेक्ट्रिक लाइट बल्ब में सुधार और आविष्कार किया था. जिसने पूरी दुनिया के जीवन पर असर डाला. उन्हें पूरी दुनिया में बहुत बड़े आविष्कारक के तौर पर जाना जाने लगा.
जब शिकागो के विशालकाय मेले में निकोला टेस्ला ने एसी करंट के जरिए बिजली डिस्ट्रीब्यूशन करके सफलता से इस काम को अंजाम दिया. (फाइल फोटो)
टेस्ला को मरने के बाद ज्यादा पहचान मिली
निकोला टेस्ला, “मास्टर ऑफ लाइटनिंग” थे. वह सर्बियाई-अमेरिकी आविष्कारक थे. मुख्य तौर पर वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर और भौतिक विज्ञानी थे. आधुनिक अल्टरनेटिव करंट यानि प्रत्यावर्ती धारा (एसी) का इस्तेमाल बिजली आपूर्ति प्रणाली की डिजाइन उन्होंने ही बनाई थी. साथ कई आधुनिक विद्युत और संचार प्रणालियों के लिए नींव रखी. वैसे टेस्ला को उनके जीवनकाल के दौरान एडीसन जैसे सम्मान और नाम नहीं मिला लेकिन मरने के बाद उनका नाम ज्यादा चमका.
तब एडिसन ने नया पॉवर स्टेशन बनाया था
अब आइए बात करते हैं कि दोनों वैज्ञानिकों के बीच लड़ाई कैसे हुई और कौन जीता. कैसे कैसे हथकंडे अपनाए गए. डायरेक्ट करंट (DC) सिस्टम में थॉमस एडिसन का महत्वपूर्ण योगदान 1882 में लोअर मैनहट्टन में पर्ल स्ट्रीट स्टेशन नामक पहला विद्युत पावर स्टेशन स्थापित करना था. इस बिजली स्टेशन को DC सिस्टम के जरिए एक वर्ग मील क्षेत्र में ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करने के लिए बनाया गया था.
एडिसन के DC सिस्टम का फायदा ये था कि यह कम वोल्टेज पर सुरक्षित था. इससे लाइट बल्ब को बिजली मिल सकती थी. लेकिन इसकी सीमाएं थीं. इसकी बिजली आपूर्ति केवल 1 से 2 मील के दायरे में ही हो सकती थी. डीसी करंट का इस्तेमाल आज भी होता है लेकिन बैटरी, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में.
क्यों एसी थी डीसी से बेहतर
दुनिया को बिजली देने में निकोला टेस्ला का अल्टरनेटिंग करंट (AC) सिस्टम का योगदान बहुत बड़ा था. उन्होंने 1887 में एक पॉलीफ़ेज़ AC इंडक्शन मोटर विकसित की, इससे बिजली बनाई और ट्रांसमीट भी किया. ये क्रांतिकारी आविष्कार था. इस आविष्कार के आने के बाद ये माना जाने लगा कि एडिसन की DC पावर के दिन लद जाएंगे. क्योंकि एसी करंट से लंबी दूरी एक समान तीव्रता के साथ बिजली डिस्ट्रीब्यूट की जा सकती थी.
एसी करंट में एक उद्यमी ने मोटा निवेश किया
तो ये माना जाने लगा कि भविष्य का बिजली सिस्टम टेस्ला का AC सिस्टम ही है. करंट का युद्ध आधिकारिक तौर पर तब शुरू हुआ जब जॉर्ज वेस्टिंगहाउस नाम के एक एक उद्यमी और इंजीनियर ने एसी इंडक्शन मोटर और पॉलीफ़ेज़ सिस्टम के लिए टेस्ला का पेटेंट खरीदा. उन्होंने इलेक्ट्रिक पावर सिस्टम के लिए एसी के उपयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया.
कैसे शुरू हुई ये घटिया लड़ाई
चूंकि एडिसन डीसी सिस्टम में वित्तीय रूप से भारी निवेश कर चुके थे और बहुत से लोगों को इससे जोड़ने वाले थे. वह टेस्ला के आविष्कार से विचलित हो गए. लिहाजा उन्होंने एसी सिस्टम को बदनाम करने के लिए जबरदस्त अभियान शुरू किया. एसी के खतरों को दिखाते हुए सार्वजनिक प्रदर्शन किए. इसके घातक खतरों को दिखाने के लिए एक इलेक्ट्रिक कुर्सी बनाई गई. ये लड़ाई व्यावसायिक हितों के साथ व्यक्तिगत अहंकारों की भी हो गई.
एडिसन ये साबित करने में लगे कि एसी करंट घातक
एसी के खिलाफ एडिसन का अभियान क्रूर और भय फैलाने वाला था. ये समझते हुए कि उनका डायरेक्ट करंट सिस्टम वेस्टिंगहाउस और टेस्ला के एसी सिस्टम के सामने अपनी जमीन खो रहा था, एडिसन ने कोशिश की कि जनता को विश्वास दिलाएं कि एसी बिजली उन्हें जानलेवा खतरा दे सकती है. इसके झटकों से मर भी सकते हैं. जबकि डीसी सिस्टम सुरक्षित है.
एसी के जरिए एडिसन ने गायें मारीं
अपनी बात को साबित करने के लिए, एडिसन ने “डेथ बाय वेस्टिंगहाउस” के रूप में सार्वजनिक प्रदर्शन किए. उसमें उन्होंने एसी करंट के “घातक” गुणों को दिखाने के लिए इसका उपयोग करके आवारा जानवरों को बिजली से मारा. ये सिहरा देने वाले प्रदर्शन थे. जो क्रूरता की हद तक चले गए थे. लेकिन इस सबके बाद भी वह एसी सिस्टम को नहीं रोक पाए. बल्कि उनके क्रूर तरीकों की आलोचना भी की गई.
तो टेस्ला ने इसके मुकाबले क्या किया
दूसरी ओर टेस्ला ने लोगों को ये बताया कि एसी के लाभ भी हैं और ये सुरक्षित भी. इसके लिए वह जगह जगह गए और लेक्चर दिए. उन्होंने बड़ी बड़ी प्रदर्शियों ने में इसका प्रदर्शन किया. उनका सबसे बड़ा प्रदर्शन 1893 में शिकागो में विश्व कोलंबियाई प्रदर्शनी में हुआ, जहां उन्होंने पूरे मेले को रोशन करने के लिए एसी का उपयोग किया.
फिर कैसे एसी को स्वीकार्यता मिलने लगी
इसमें टेस्ला ने अपने शरीर के माध्यम से प्रत्यावर्ती धारा भेजी, जिससे यह प्रदर्शित हुआ कि यह मनुष्यों के लिए सुरक्षित है. इनसे एसी करंट को व्यापक स्वीकृति मिली. बाद में तो इसे वैश्विक तौर पर मंजूर कर लिया गया. जॉर्ज वेस्टिंगहाउस करंट के युद्ध में एक बड़े खिलाड़ी थे. उनकी भूमिका केवल निवेशक से ज्यादा थी. वह सफल अमेरिकी उद्यमी और इंजीनियर थे, जिन्हें बिजली और परिवहन के क्षेत्र में कई नवाचारों का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने भी अपने जीवनकाल में 360 से ज़्यादा आविष्कार पेटेंट हासिल किए.
फिर एसी करंट ने कैसे बदली दुनिया
वह जानते थे कि टेस्ला का अल्टरनेटिंग करंट (AC) की भविष्य की चीज है, लिहाजा उन्होंने ना केवल उनके सिस्टम को खरीदा और उसमें मोटा धन निवेश किया बल्कि AC और डायरेक्ट करंट (DC) के बीच महायुद्ध के लिए मंच तैयार किया. एसी की दक्षता और लंबी दूरी तक बिजली संचारित करने की इसकी क्षमता ने इसे बड़े पैमाने पर बिजली वितरण के लिए अधिक किफायती और व्यावहारिक विकल्प बनाया.
तो पूरा शहर जिस बिजली से जगमगाता है और ये हमारे घर में अबाध पहुंचती है, जिससे मानव जीवन बहुत आसान हो चुका है, वो दरअसल आसानी से नहीं आई है, उसके लिए भी एक बड़ी लड़ाई लड़ी गई थी.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 17:15 IST