नई दिल्ली. राज कपूर उन फिल्म निर्माताओं की पीढ़ी से थे, जो एक फिल्म बनाने के लिए अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी दांव पर लगा देते थे. राज ने ऐसा तब किया जब उन्होंने ‘मेरा नाम जोकर’ बनाई और जब वह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई. ड्रीम फिल्म की फ्लॉप होने के बाद राज साहब टूट गए थे. लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा था. उन्होंने साल 1973 में उन्होंने फिर से दांव लगाया और बॉक्स ऑफिस पर वो इतिहास रचा, जिसकी बातें आज 51 साल बाद भी सिनेमा प्रेमी करते हैं.
बॉलीवुड में शो मैन के नाम से पहचाने जाने वाले राज कपूर ने अपने दौर में कई ऐसी फिल्म की और बनाई हैं जो यादगार साबित हुईं. उनकी फिल्मों का रोमांस दर्शकों का दिल जीत लेता था. ‘मेरा नाम जोकर’ को बनाने में उन्होंने सबकुछ दांव पर लगा दिया था. कहते हैं फिल्म के फ्लॉप होने के बाद राज साहब ऐसे कर्ज में डूबे कि उन्हें कर्ज उतारने के चक्कर में राज कपूर की पत्नी कृष्णा कपूर को अपने गहने तक बेचने पड़े थे. फिल्म के घाटे से उबरने के लिए और अपने बेटे ऋषि कपूर को लॉन्च करने के मकसद से फिल्म ‘बॉबी’ बनाई थी.
साले के कहने पर राज कपूर ने बदला था क्लाइमैक्स
फिल्म जब रिलीज हुई तो जबरदस्त सुपरहिट हुई. ‘मेरा नाम जोकर’ की सारी असफलता धुल गई और लोग राज कपूर को महान डायरेक्टर मानने लगे. लेकिन इस फिल्म की किस्मत में एक महत्वपूर्ण योगदान बॉलीवुड के फेमस विलेन और राज साहब के साले रहे प्रेमनाथ का था. हाल ही में एक इंटरव्यू में, प्रेम नाथ के बेटे मोंटी ने फिल्म बॉबी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने बताया कि फिल्म की आखिर में फिल्म के हीरो-हीरोइन को को एक चट्टान से कूदना था, लेकिन प्रेम नाथ ने राज कपूर को एक हैप्पी एडिंग का सुझाव दिया.
‘लैला मजनू’, ‘रोमियो जूलियट’ की तरह ‘राजा और बॉबी’ को भी मरना था
विक्की लालवानी से बात करते हुए, मोंटी ने बताया, ”बॉबी’ मूल रूप से एक प्रेम कहानी थी और सभी प्रेम कहानियों की तरह, ‘लैला मजनू’, ‘रोमियो जूलियट’ की तरह ‘राजा और बॉबी’ को भी मरना था. ऑरिजनल स्क्रिप्ट में, ऋषि और डिंपल के किरदार पहाड़ी पर जाते हैं और फिर पानी में कूदते हैं और वे मरना था. मोंटी ने कहा कि जब तक दोनों किरदार चट्टान तक पहुंचते हैं, स्क्रिप्ट वैसी ही थी. लेकिन बदलाव उस कूद के बाद हुआ.
अगर दोनों पिता के किरदार बच्चों को बचा ले तो…
मोंटी ने बताया कि प्रेम नाथ, जिन्होंने फिल्म में डिंपल के पिता की भूमिका निभाई, उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों पिता के किरदार बच्चों को बचा लें ताकि एक हैप्पी एडिंग हो सके. प्रेम नाथ राज के साले भी थे, क्योंकि राज ने प्रेम की बहन कृष्णा से शादी की थी. मोंटी ने बातचीत में बताया कि मेरे पिता ने सुझाव दिया कि फिल्म की अंत दुखद न रखें. इसे हैप्पी एडिंग वाली फिल्म बनाएं. मेरे किरदार को ‘चिंटू’ को बचाने दें और प्राण साहब ‘डिंपल’ को बचाएं. वे दोनों पानी में तैरते हैं और बच्चों को बचाते हैं और फिर दोनों मिल जाते हैं.
‘आप इस जहाज के कप्तान हैं, फैसला आपका…’
प्रेम नाथ के बेटे ने आगे कहा, ‘सुझाव देने के बाद, पापा ने फैसला लेने का राज कपूर पर छोड़ दिया. पापा ने फूफा जी से कहा, ‘आप इस जहाज के कप्तान हैं. आप इसे शूट करें और रखें, हम पहले से ही लोकेशन पर हैं. एक्टर यहां हैं. बाकी, आप एडटिंग के दौरान फैसला लें.’
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 11:46 IST